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संतुलित आहार एवं नियमित स्वास्थ्य जांच छात्रों के लिए अत्यंत जरूरी- डॉ. गार्गी

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राजकीय नेशनल महाविद्यालय में आज महिला प्रकोष्ठ के तत्वावधान में एक विशेष स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. हरजिंदर सिंह ने अध्यक्षता की, जबकि कार्यक्रम का संचालन महिला प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. मीत के कुशल मार्गदर्शन में हुआ।
महाविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी प्रोफेसर रमेश सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम की मुख्य वक्ता प्रख्यात स्त्री रोग विशेषज्ञ (गायनोकोलॉजिस्ट) डॉ. गार्गी मुंजाल रहीं। उन्होंने “महिला स्वास्थ्य और जागरूकता” विषय पर छात्राओं को संबोधित करते हुए विस्तार से जानकारी दी। अपने प्रभावशाली व्याख्यान की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा कि आज के समय में युवतियों और महिलाओं के लिए स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि स्वस्थ शरीर ही सशक्त समाज की नींव है।
डॉ. गार्गी मुंजाल ने छात्राओं को मासिक धर्म स्वच्छता, संतुलित एवं पौष्टिक आहार, आयरन और कैल्शियम की पर्याप्तता, नियमित व्यायाम, समय-समय पर स्वास्थ्य परीक्षण तथा मानसिक स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि यदि महिलाएँ छोटी-छोटी बातों पर ध्यान दें तो जीवनभर स्वस्थ रह सकती हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि स्वच्छता और संतुलित जीवनशैली अपनाकर अनेक गंभीर बीमारियों से बचाव संभव है। महिला स्वास्थ्य के बारे में और अधिक जानकारी देते हुए बताया कि आजकल ज्यादातर महिलाएं एनीमिया की शिकार है इसमें खून की कमी के कारण उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इस कमी को पूरा करने के लिए महिलाएं अपने रसोई में रोजमर्रा में प्रयोग होने वाले खाद्य वस्तुओं जैसे गुड़ चना,खरबूजे के बीज, तरबूज के बीज, कद्दू के बीज, चिया सीड्स, अलसी के बीज आदि इस्तेमाल करके अपने स्वास्थ्य में सुधार कर सकती हैं।
अपने व्याख्यान में उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आज की युवा पीढ़ी को पढ़ाई और करियर के साथ-साथ स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए। डॉ. गार्गी ने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि “लड़कियों को पीरियड्स के समय रीयूज़ेबल पैड का प्रयोग करना चाहिए। यह पैड कई बार धोकर दो से तीन साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे पैसे की बचत होती है और पर्यावरण को भी प्रदूषण से बचाया जा सकता है। ये कपड़े से बने होते हैं, इसलिए स्वास्थ्य के लिए भी सुरक्षित रहते हैं। डिस्पोज़ेबल पैड की तरह यह कचरा नहीं बढ़ाते। इस प्रकार रीयूज़ेबल पैड महिलाओं, समाज और धरती—सभी के लिए लाभकारी हैं।”
डॉ गार्गी ने ऐसे बार बार प्रयोग होने वाले पैड बच्चों को प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने के साथ-साथ वो पैड वितरित भी किए।
ऐसे व्याख्यान से छात्राएं स्वयं स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ग्रहण करने के साथ-साथ अपने परिवार और समाज की अन्य महिलाओं को भी जागरूक करें।
कार्यक्रम में उपस्थित छात्राओं ने डॉ. गार्गी मुंजाल से अपने सवाल पूछे और जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त किया। प्रश्नोत्तर सत्र ने कार्यक्रम को और अधिक रोचक तथा उपयोगी बना दिया। छात्राओं ने बताया कि इस व्याख्यान से उन्हें अनेक नई और व्यावहारिक जानकारियाँ प्राप्त हुईं, जिनका उपयोग वे अपने जीवन में अवश्य करेंगी।
कार्यक्रम के अंत में प्राचार्य प्रो. हरजिंदर सिंह ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि महिला स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता न केवल व्यक्तिगत स्तर पर बल्कि समाज के विकास के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने डॉ. गार्गी मुंजाल द्वारा दिए गए उपयोगी मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया और महिला प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. मीत को इस सार्थक आयोजन के लिए बधाई दी।
महिला प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. मीत ने कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए सभी छात्राओं का धन्यवाद किया और भविष्य में भी इसी प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर महिला प्रकोष्ठ के सदस्य डॉ करमजीत कौर, डॉ मंजू कंबोज, प्रो परमजीत कौर, प्रो गीता, डॉ सरोज बाला, डॉ मीनाक्षी, डॉ शोभा, प्रो वंदना, प्रो नीरू, सुश्री निशा सहित अनेक प्राध्यापक, स्टाफ सदस्य और छात्राएँ बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।

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