कर्मचारियों ने वेतन और जॉब सुरक्षा विश्वविद्यालयों में लागू करने की मांग उठाई
सरकार को चेतावनी, नवगठित कार्यकारिणी ने संघर्ष और सेवा का संकल्प लिया: रणबीर बांगड़वा
सिरसा। चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा में राष्ट्रीय श्रमिक दिवस एवं बाबा विश्वकर्मा जयंती बड़े हर्षोल्लास से मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य जीवन सिंह ठाकुर ने की, जबकि मंच संचालन जिला मंत्री चरणजीत वर्मा ने किया। इस अवसर पर कुलगुरु विजय कुमार मुख्य अतिथि तथा राजीव कुमार मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन और बाबा विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना से हुई। मुख्य अतिथि कुलगुरु विजय कुमार ने कहा कि विश्वकर्मा जी केवल देव शिल्पी ही नहीं, बल्कि श्रम और परिश्रम के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि श्रमिक वर्ग ही राष्ट्र निर्माण का वास्तविक आधार है और विश्वविद्यालय परिवार को इस भावना से प्रेरणा लेकर कार्य करना चाहिए। मुख्य वक्ता राजीव कुमार ने अपने विस्तृत संबोधन में कहा कि बाबा विश्वकर्मा की जयंती केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि यह दिन हमें श्रमिकों के महत्व की याद दिलाता है। श्रमिकों के बिना किसी भी समाज का ढांचा अधूरा है। उन्होंने कहा कि देश की प्रगति तभी संभव है, जब श्रमिक वर्ग को सम्मान और सुरक्षा मिले। विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में कार्यरत नॉन-टीचिंग कर्मचारी संस्थान की रीढ़ हैं, उनके अधिकारों की रक्षा करना सरकार और प्रबंधन का दायित्व है। जिला मंत्री चरणजीत वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को लंबे समय से वेतन नहीं मिल रहा और प्रबंधन द्वारा की जा रही प्रताडऩा असहनीय है। उन्होंने सरकार से मांग की विश्वविद्यालय में तुरंत बजट दिया जाए। विश्वविद्यालय के कर्मचारियों को जॉब सुरक्षा एवं तुरंत सर्विस रूल्स लागू किए जाएं और लंबित वेतन का भुगतान किया जाए। प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य जीवन ठाकुर ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ सदैव कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए संघर्षरत है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने अपनी नीतियों में सुधार नहीं किया तो आंदोलन तेज़ किया जाएगा। नॉन-टीचिंग कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेश संयोजक रणबीर बांगड़वा ने कहा कि विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की समस्याएं दिन-प्रतिदिन बढ़ रही हैं। सरकार की ओर से विश्वविद्यालय की और से बजट रोककर वेतन रोकना और अधिकारों से वंचित करना सरकार की तानाशाही मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगों को शीघ्र नहीं माना गया तो प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा। जिला सह-मंत्री प्रदीप शर्मा ने कहा कि कर्मचारी अब जाग चुके हैं और किसी भी कीमत पर अपने अधिकारों से समझौता नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि संघर्ष की इस राह में सभी कर्मचारी एकजुट रहेंगे। कार्यक्रम के उपरांत नॉन-टीचिंग कर्मचारी संघ हरियाणा, संबंधित भारतीय मजदूर संघ की इकाई चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा की कार्यकारिणी का गठन सर्वसम्मति से किया गया। जिसकी घोषणा जीवन ठाकुर ने की, जिसमें जगदीश लूणा को अध्यक्ष, मनीष कांगड़ा व दारा सिंह को उपाध्यक्ष, सुनील गोदारा को सचिव, सावित्री व मदन पटीर को सह-सचिव, दलीप को कोषाध्यक्ष तथा अमर वर्मा और अशोक को सह-कोषाध्यक्ष चुना गया। प्रेस सचिव की जिम्मेदारी कुलदीप खटक को दी गई, जबकि सह-प्रेस सचिव के रूप में संजय का चयन किया गया। कार्यकारिणी सदस्य के रूप में दीपक शर्मा, मुकेश वर्मा और अमनदीप कंबोज को मनोनीत किया गया। इसके बाद नवनिर्मित सचिव और अध्यक्ष ने अपने विचार रखते हुए कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए पूर्ण समर्पण और संघर्ष का संकल्प लिया व कार्यक्रम के समापन की घोषणा की। कार्यक्रम का समापन प्रसाद वितरण के साथ हुआ। इस अवसर पर अनुबंधित विद्युत कर्मचारी संघ हरियाणा के जिला संगठनकर्ता जसवंत सिंह, जिला कार्यकारिणी सदस्य जय सिंह सहित मातृ शक्ति, सैकड़ों कर्मचारी व कार्यकर्ता मौजूद रहे।