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औषधीय पौधों का महत्व प्राचीन काल से ही है: प्रो. दलीप सिंह

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सिरसा। सीएमआरजे राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय मिठी सुरेरा एलेनाबाद में महानिदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग पंचकुला द्वारा जारी किए गए पत्र की अनुपालना में प्राचार्य डा. सज्जन कुमार के निर्देशानुसार कार्यकारी प्राचार्य प्रो. दलीप सिंह की अध्यक्षता व डा. अमनप्रीत कौर के संयोजन में प्रधानमंत्री के 75 वें जन्मदिन पर सत्रह सितंबर से दो अक्तूबर तक आयोजित सेवा पखवाड़ा कार्यक्रम की निरंतरता में आज औषधीय पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कार्यकारी प्राचार्य ने विद्यार्थियों को अपने संबोधन में  कहा कि औषधीय पौधों का महत्व प्राचीन काल से ही रहा है,, क्योंकि ये रोगों के उपचार, रोकथाम और स्वास्थ्य बनाए रखने में प्राकृतिक स्रोत के रूप में कार्य करते हैं, जो कि अक्सर आधुनिक सिंथेटिक दवाओं की तुलना में सस्ते और कम दुष्प्रभावों वाले होते हैं। विश्व की एक बड़ी आबादी अपने प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए हर्बल दवाओं पर निर्भर है, जिससे औषधीय पौधों का महत्व और भी बढ़ जाता है। महाविद्यालय के जन संपर्क अधिकारी डा. जोगिन्द्र सिंह ने बताया कि इस अवसर पर कार्यक्रम की संयोजक डा. अमनप्रीत कौर ने कहा कि औषधीय पौधे कफ  एवं वात का शमन करने, पीलिया, हैजा, फेफड़े, तंत्रिका विकार, पाचन, उन्माद, रक्त शोधक, ज्वर नाशक, स्मृति एवं बुद्घि का विकास करने, मधुमेह, मलेरिया एवं बलवर्धक, त्वचा रोगों एवं ज्वर आदि में लाभकारी हैं। उन्होंने यह भी बताया कि डा. अमनप्रीत कौर की देख रेख में औषधीय पौधारोपण का कार्य किया गया जिसमें  तुलसीए आंवलाए अंजीरए बेलपत्रए सहजन महाविद्यालय प्रांगण और प्राचार्य कक्ष के सामने मरुआ, गुलाब व इन्सुलिन आदि विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए गए।

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