-मजदूरों की दो दिन की हड़ताल के कारण किसानों का 9000 क्विंटल बिके हुए धान को ज्यादातर व्यापारियों ने तय रेट में लेने से किया मना: औलख
सिरसा। बीकेई प्रदेशाध्यक्ष लखविंदर सिंह औलख ने कहा कि किसानों कि खरीफ की फसलें बाढ़, भारी बरसात, जल भराव से बर्बाद हो गई है अब बची खुची फसलें किसान मंडियों में बेचने के लिए आ रहे हैं तो उनको भाव व काट लगाकर लूटा जा रहा है। सिरसा अनाज मंडी में मजदूरों, आढ़तियों व फैक्ट्री वालों का मजदूरी को लेकर आपसी विवाद के चलते मजदूर 2 दिन की हड़ताल पर चले गए। किसानों का पीबी 1509 लगभग 9000 क्विंटल मंडी में आवक थी, जो कि व्यापारियों ने खरीद रखी थी। कल रात को मंडी के व्यापारियों व मजदूरों में आपसी सहमति बनी और मजदूरों ने हड़ताल खोली, लेकिन इस हड़ताल में नुकसान किसानों का ही हुआ, क्योंकि 2 दिन की हड़ताल में किसानों के धान की ढेरियां मंडी में पड़ी रही, जिन व्यापारियों ने धान खरीदा था उनमें से ज्यादातर व्यापारियों ने पहले वाले भाव में धान उठाने से मना कर दिया, जिसके चलते मजबूरन किसानों को अपना धान 50 रुपए से लेकर 300 रुपए प्रति क्विंटल तक कम कीमत पर बेचना पड़ा। जिससे लगभग सभी किसानों को 2 लाख रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है। इसमें गुरजंट सिंह पुत्र निहाल सिंह गांव कुमथला, जयपाल पुत्र सुरजीत, सुरेंद्र पुत्र दुनी चंद गांव आनंदगढ़ जैसे कई किसानों को अपना धान कम रेट में बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा है। औलख ने कहा कि हमारी मार्केट कमेटी के अधिकारियों, जिला प्रशासन व सरकार को चेतावनी है कि किसान की फसल को एमएसपी पर खरीदा जाए, किसी तरह की अनावश्यक काट ना लगाई जाए। इस मौके पर सरदूल सिंह भट्टी, सुनील नैन, नागेंद्र सिंह, कृष्ण चाहर, सुरेंद्र गोदारा, संदीप गरवा, जयपाल, गुरजंट सिंह आदि किसान मौजूद रहे।



