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राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का शताब्दी वर्ष पर पंच परिवर्तन का संकल्प

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शहर में अनेक स्थानों पर किया पदसंचलन, पुष्प वर्षा से हुआ स्वागत
सिरसा। शहर के भगवान गौतम उपनगर के राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का शताब्दी वर्ष पूर्ण होने पर भव्य कार्यक्रम नेहरू पार्क, सिरसा में प्रात: 7.30 बजे हुआ। जिसमें सैकड़ों स्वयं सेवकों ने पूर्ण गणवेश में भाग लिया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता कृष्ण हिसार विभाग कार्यवाह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता जुगनू नंबरदार ने की और उन्होंने संघ के 100 वर्ष पूरे होने पर सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम का मंच संचालन कर्मवीर व मनोज ने संयुक्त रूप से किया। इस कार्यक्रम में जगतार जिला कार्यवाह, सिरसा भी उपस्थित थे। उन्होंने आए हुए मुख्य मेहमानों का परिचय भी करवाया। मुख्य वक्ता कृष्ण ने अपने उद्बोधन में संघ के 100 वर्ष पूर्ण होने पर सभी साक्षी स्वयं सेवकों को बधाई दी और कहा कि इन 100 वर्षों में स्वयंसेवकों की 4 पीढिय़ों ने त्याग, तपस्या से संघ को इस मुकाम तक पहुंचाया है और हम सब इसके साक्षी हंै। इस 100 वर्ष के कार्यकाल में संगठन को विभिन्न प्रकार की प्रताडऩा, उपहास और विपरीत परिस्थितियों को सहना पड़ा। कई बार संघ पर प्रतिबंध लगा। संघ के स्वयंसेवकों की प्रताडऩा हुई, उन्हें जेलों में डाला गया। परंतु संघ का कार्य कभी रूका नहीं और दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही गया। 1925 में 5 स्वयं सेवकों से शुरू हुआ संघ आज वर्तमान में 50 हजार से अधिक स्थानों पर शाखाएं लगा रहा है। जिसमें नित्य एक करोड़ के लगभग स्वयं सेवक भाग लेते हंै। 50 के करीब अखिल भारतीय संगठन जैसे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भारतीय मजदूर संघ, भारतीय किसान संघ, भारत विकास परिषद, सेवा भारती आदि संघ के स्वयंसेवकों द्वारा चलाए जा रहे हंै और जो संगठन देश के अंदर सदस्यता के हिसाब से प्रथम स्थान पर है। संघ ने संकल्प लिया है कि शताब्दी वर्ष के अंदर संघ का कार्य सवा लाख स्थानों पर और डेढ़ करोड़ स्वयंसेवकों की भागीदारी के साथ विस्तार करना है। उन्होंने विजयदशमी और नवरात्रों के अवसर पर सभी को बधाई दी और भगवान वाल्मीकि को भी याद करते हुए कहा कि वाल्मीकि जी ने भगवान राम का जीवन चरित्र समाज के समक्ष रामायण के माध्यम से रखा। पूरे हिंदु समाज को भगवान वाल्मीकि का अवतरण दिवस मनाना चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि संघ ने इस शताब्दी वर्ष में समाज और देश में परिवर्तन व विकास के लिए 5 परितर्वन पर कार्य करने का निश्चय किया है, जिसमें सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण, सबका बोद्ध और नागरिक कर्तव्य। इन पांचों विषय पर उन्होंने विस्तार से चर्चा की और बताया कि प्रत्येक नागरिक को इन पांंचों विषयों को अपने जीवन में दैनिक रूप से अपने व्यवहार में लाना होगा। उन्होंने ये भी बताया कि 1947 में भारत विभाजन के समय हजारों स्वयं सेवकों ने बलिदान देकर हिंदुओं को बचाया और सुरक्षित भारत में लाए। 1948 में कश्मीर की रक्षा करते हुए डोगरा और 6 अन्य स्वयंसेवक वहां बलिदान हुए। उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि भारत और सनातन की आस्था व गौरव का हमें सम्मान करना चाहिए। इसके पश्चात स्वयंसेवकों ने घोष वादन के साथ शिव चौक, सीएमके कॉलेज, बी व सी ब्लॉक व अनाज मंडी क्षेत्र में कदम से कदम मिलाकर पद संचलन किया। अनेक स्थानों पर माताओं-बहनों ने पुष्प वर्षा कर पद संचलन का स्वागत किया। इस कार्यक्रम में समाज के काफी संख्या में गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे। इस मौके पर प्रचार विभाग द्वारा साहित्य बिक्री का स्टॉल भी लगाया गया। पविकांत मित्त्तल प्रचार प्रमुख राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने बताया कि इसी कड़ी में राष्ट्रीय सेविका समिति का एक कार्यक्रम सांय 3 बजे चौ. देवीलाल विश्विद्यालय में और भगवान वाल्मीकि उपनगर का कार्यक्रम बाबा बिहारी की समाधि पर सांय 4.30 बजे संपन्न होगा।

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