साध्वश्री बोली, जीवन विज्ञान के प्रयोगों से इंसान बनता है विनयशील
सिरसा। अणुव्रत उद्बोधन सप्ताह के तहत तरापंथ भवन में अणुव्रत समिति सिरसा की ओर से साध्वी संयमप्रभा के सान्निध्य में जीवन विज्ञान दिवस मनाया गया। इस संदर्भ में श्रद्धालु आनंद जैन ने बताया कि समिति के अध्यक्ष चंपालाल जैन की अध्यक्षता में सबसे पहले साध्वी उज्जवल यशा ने जीवन विज्ञान प्रयोगों व आसन के बारे में छात्राओं को जानकारी दी। इस दौरान एक छात्रा ने आसन व प्रयोग करके सभी को दिखाया। साध्वी शशिकला ने कहा कि जीवन विज्ञान पर शिक्षा का एक नव अवदान आचार्य महाप्रज्ञ द्वारा शिक्षा जगत को दिया गया, वह स्कूलों में प्रार्थना सभा में होना चाहिए। यह जीवन जीने की एक शैली है जिससे स्वस्थ समाज की संरचना होती है व इंसान के व्यक्तित्व में निखार आता है। समिति अध्यक्ष चंपालाल जैन ने छात्राओं से कहा कि जीवन विज्ञान के प्रयोग व आसन करने से इंसान का स्वभाव बदलता है, जीवन को शांत बनाता है। इससे उसकी संकल्पशक्ति, निर्णयशक्ति, स्मरणशक्ति व एकाग्रता का विकास होता है। अंत में साध्वी संयमप्रभा ने अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन विज्ञान के प्रयोगों से आध्यात्मिकता, बौद्धिक, मानसिक व शारीरिक विकास होता है और व्यक्ति सहिष्णु, विनयशील, दायित्वशील, प्रमाणिक तथा सत्यनिष्ठ बनकर समाज में श्रेष्ठ नागरिक बनकर अपने व्यक्तित्व को निखारता है। बाद में साध्वीश्री द्वारा मंगलपाठ सुनाकर कार्यक्रम का समापन किया गया। इस अवसर पर तरुण गोलछा, देवेंद्र डागा, सुभाष डागा, छात्राएं व स्टाफ सदस्य मौजूद थे।



