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नवपद ओली तप से होती है कर्मों की निर्जरा : साध्वी सर्वज्ञ

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महासाध्वी श्री सर्वज्ञ प्रभा जी की प्रेरणा से तपस्वियों ने आचार्य भगवन श्री शिव मुनि जी के स्वास्थ्य सुधार हेतु अर्पित की तपस्या, तप की महिमा पर हुई अनुमोदना
जैन समाज द्वारा चल रहे नवपद ओली पर्व के पावन अवसर पर एस एस जैन सभा में मंगलवार को आयोजित ओली तपस्वियों की मेहंदी रस्म में श्री जितेंदर कैलाश दरवार में
धार्मिक उल्लास और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस अवसर पर मुख्य प्रवचन महासाध्वी श्री सर्वज्ञ प्रभा जी महाराज ने दिए। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि “ओली तपस्या करने से कर्मों की निर्जरा होती है और आत्मा शुद्धि की ओर अग्रसर होती है।”

महासाध्वी श्री जी ने कहा कि तप आत्मा को निर्मल करता है, क्योंकि जब व्यक्ति भोग और आसक्ति से मुक्त होकर संयम के मार्ग पर चलता है, तब उसके भीतर स्थित कर्मों की परतें गलने लगती हैं। उन्होंने कहा कि नवपद ओली केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि आत्मा की ऊर्जा को पुनर्जीवित करने का माध्यम है।

महासाध्वी श्री सर्वज्ञ प्रभा जी की प्रेरणा से सभी तपस्वियों ने अपनी तपस्या आचार्य भगवन श्री शिव मुनि जी महाराज के स्वास्थ्य सुधार के लिए समर्पित की। साध्वी श्री ने कहा कि सामूहिक रूप से की गई ऐसी तपस्या न केवल आत्मिक लाभ देती है बल्कि विश्व कल्याण की भावना को भी सशक्त बनाती है।

इस अवसर पर नरेश गर्ग जैन, बबली जैन, तनु जैन, आयुषी जैन, नीरज जैन, रानी जैन, रजनी जैन, अंजू जैन, शशी जैन, सी.ए. निधि जैन और मीनू जैन सहित अनेक श्रद्धालुओं ने ओली तप की साधना की। सभी तपस्वियों का सम्मान कर महासाध्वी श्री ने उनकी अनुमोदना की और अन्य श्रावकों को भी तपस्या करने की प्रेरणा दी।

महासाध्वी श्री ने अपने प्रवचन में मैना सुंदरी की कथा सुनाई और बताया कि किस प्रकार ओली तप करने से मैना के पति श्री पाल सहित 700 साथियों का कुष्ठ रोग ठीक हो गया था। उन्होंने कहा कि तप एक ऐसी दिव्य औषधि है जो तन और मन दोनों को पवित्र करती है।

कार्यक्रम में जैन सभा के संरक्षक पारस जैन और मंत्री राकेश जैन ने तप की महिमा का बखान करते हुए कहा कि जब समाज के लोग तप और संयम के मार्ग पर चलते हैं तो पूरा समाज उन्नति की दिशा में अग्रसर होता है। उन्होंने तपस्वियों की सराहना करते हुए कहा कि उनका यह त्याग और साधना आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा।

इस अवसर पर सभा के प्रधान संदीप जैन, तरसेम धर्मपुरा, पार्षद नितिन गर्ग, पिंकू गोयल, हनुमान बागड़ी, लवली स्टूडियो के प्रतिनिधि, गौतम जैन, जगदीश जैन, अनिल जैन मोजी, काका जैन, केवल कृष्ण सिंगला, पुर्ण जैन , कुलवन्त ठेकेदार, समाज रतन साई दास सेतिया, सुख राम फत्ता, मखन जैन, प्यारा जैन, अंग्रेज बांसल जैन, संजीव जैन, ग्लोबल कैम्ब्रिज स्कूल के संचालक मास्टर योगेश जैन, काका जैन, शम्मी जैन, महिला मंडल की प्रधान सहित अनेक समाजसेवी और श्रद्धालु उपस्थित रहे।

महिला मंडल की ओर से सीरत जैन, निर्मला जैन, मंजू जैन, अंजू जैन, तनुजा जैन, कंचन जैन, वंदना जैन और निधि जैन ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए तपस्वियों का अभिनंदन किया। वातावरण में मंगल भावना और जयकारों की गूंज के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।

महासाध्वी श्री ने सभी को आशीर्वाद देते हुए कहा कि जो भी व्यक्ति अपने जीवन में संयम, अहिंसा और साधना को अपनाता है, वह न केवल अपने कर्मों को हल्का करता है बल्कि समाज में भी शांति का संदेश फैलाता है।

इस धार्मिक आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं ने पैसठिया मंत्र व नवकार महामंत्र का जाप किया और भगवान महावीर स्वामी के चरणों में अपनी भावनाएं समर्पित कीं। समारोह के अंत में महासाध्वी श्री ने मंगल पाठ सुना कर सभी को आशीर्वाद दिया व सभी के लिए मंगल कामना की।

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