भारत का दृष्टिकोण हमेशा संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए रहा है। हमने कभी अपने स्वार्थ के लिए नहीं, बल्कि हमेशा विश्व शांति, सहयोग और न्याय के लिए आवाज़ उठाई है। यह विचार हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान, नीलोखेड़ी के निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने दिल्ली पब्लिक स्कूल, सिरसा में आयोजित मॉडल संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए।
डॉ. चौहान ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना से लेकर आज तक एक जिम्मेदार और सक्रिय सदस्य की भूमिका निभाई है। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उद्बोधनों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत ने हमेशा “विश्व को एक परिवार” — वसुधैव कुटुम्बकम् — के रूप में देखा है। प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रतिपादित “एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य” का विचार भारत की उसी प्राचीन सभ्यता की पुनर्पुष्टि है।
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि मॉडल यूएन केवल एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि वैश्विक जिम्मेदारी का प्रशिक्षण है, जिससे युवाओं में नीति-निर्माण, संवाद और सहमति की संस्कृति विकसित होती है। डॉ. चौहान ने कहा कि भारत की युवा पीढ़ी में नेतृत्व, संवेदनशीलता और संवाद की क्षमता है, जो नए युग के विश्व-निर्माण की दिशा तय करेगी।
विद्यालय की प्राचार्य रमा दहिया ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया और कार्यक्रम का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि दो दिन तक चलने वाले इस सम्मेलन में दो सौ से अधिक विद्यार्थी विभिन्न देशों का प्रतिनिधित्व करते हुए वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श कर रहे हैं।
कार्यक्रम का एक आकर्षक दृश्य तब बना जब आज सभी प्रतिभागी भारतीय परिधानों में सजकर पहुंचे, जिससे पूरे परिसर में भारतीय संस्कृति और एकता की झलक दिखाई दी।
इस अवसर पर राजकीय महिला महाविद्यालय के प्राचार्य शत्रुजीत सिंह शेखावत ने विशिष्ट अतिथि के रूप में सहभागिता की। इस अवसर पर विद्यालय के दीक्षांत, ईरा, मान्या, नैन्सी, देवांश, अजीम, अनंत, गौरी, श्रेया, अनुष्का आदि विद्यार्थियों ने विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता की। वहीं शिक्षक हिमांशु सोनी, हिमांशु सेठी, अनिका, ऋतु आर्य, रमनदीप, सिमरत, प्रभजोत, करण और दिया भी उपस्थित रहे।