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डी.ए.वी. कालांवाली में ‘क्षमा का अमृत’ नाट्य प्रस्तुति से मिला मानवीय मूल्यों का संदेश

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माता पुन्ना देवी डी.ए.वी. पब्लिक स्कूल, कालांवाली में प्रधानाचार्या श्रीमती कविता शर्मा जी के कुशल मार्गदर्शन में आर्य प्रादेशिक प्रतिनिधि उपसभा हरियाणा के तत्वावधान में चल रहे वैदिक संस्कार पुण्य मास के अंतर्गत विविध प्रेरणादायक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इस वैदिक पर्व यात्रा में “महर्षि दयानंद सरस्वती।   प्रेरणा पर्व  के अवसर पर विद्यार्थियों द्वारा एक भावनात्मक नाट्य प्रस्तुति “क्षमा का अमृत” का आयोजन किया गया। यह नाटक स्वामी दयानंद सरस्वती जी के जीवन की उस महान घटना पर आधारित था, जब उनके अपने भोजन बनाने वाले सेवक ने किसी के बहकावे में आकर उन्हें विष दे दिया था। किंतु स्वामी जी ने अपने अंतिम क्षणों में उसे क्षमादान देकर मानवता, करुणा और उदारता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया। विद्यालय के विद्यार्थियों ने इस प्रसंग को हृदयस्पर्शी अभिनय के माध्यम से मंचित किया। जिससे सभी को यह सीख मिली कि “क्षमा ही सच्चा पराक्रम है, और जो दूसरों को क्षमा करता है, वही वास्तव में महान होता है।”
कार्यक्रम के अंतर्गत  विजय पर्व के अवसर पर भजन गायन एवं संगीत गोष्ठी का भी आयोजन हुआ, जिसमें वैदिक संस्कृति, भक्ति और नैतिक मूल्यों की मधुर झंकार गूँज उठीजिसने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया।प्रधानाचार्या  जी ने अपने प्रेरणादायक संबोधन में इस वैदिक यात्रा की जानकारी देते हुए कहा कि विजय पर्व, आनंद पर्व और प्रेरणा पर्व जैसे आयोजन हमें आर्य समाज की महान परंपराओं और वैदिक आदर्शों से जोड़ते हैं। साथ ही  वैदिक संस्कारमय आयोजन बच्चों के नैतिक, आध्यात्मिक और मानवीय विकास में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और हमें अपने जीवन में स्वामी दयानंद जी के आदर्शों को अपनाने की प्रेरणा देते हैं।
कार्यक्रम का समापन “ओ३म् ध्वनि” के साथ हुआ, जिसके पश्चात् सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों ने महर्षि दयानंद सरस्वती जी के अमर बलिदान को नमन करते हुए उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।

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