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GJU, HISAR फिजिक्स विभाग के सौजन्य से ‘एटॉम इलेक्ट्रॉन एंड एटॉम कोलीजन एंड ट्रेप्स’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन

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गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय हिसार के फिजिक्स विभाग के सौजन्य से ‘एटॉम इलेक्ट्रॉन एंड एटॉम कोलीजन एंड ट्रेप्स’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।  विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में मुख्यातिथि के रूप में उपस्थित रहे।  विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।  कार्यशाला में केंट यूनिवर्सिटी, यूके के प्रो. निगेल मेसन व आईयूएसी, नई दिल्ली के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. सुगम कुमार कार्यशाला में वक्ताओं के रूप में उपस्थित रहे।  इस अवसर पर विभागाध्यक्ष प्रो. आशीष अग्रवाल व कार्यशाला के संयोजक विभाग के शिक्षक डा. डेविड जोसेफ उपस्थित रहे।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने अपने सम्बोधन में कहा कि एटॉमिक तथा मोलीक्युलर वर्तमान विज्ञान क्षेत्र के उभरते हुए क्षेत्र हैं।  इनमें शोध व शिक्षण के साथ-साथ रोजगार की भी अपार संभावनाएं हैं।  दोनों ही क्षेत्र अत्यंत प्रासंगिक भी हैं।  इन क्षेत्रों की क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में भी एप्लीकेशन है।  कुलपति ने कहा कि यह कार्यशाला प्रतिभागियों के लिए अत्यंत लाभदायक सिद्ध होगी तथा विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग को भी गुणवत्ता व उच्च स्तर प्रदान करेगी।  कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय ने रिसर्च इको सिस्टम स्थापित किया है।  इस सिस्टम के तहत विद्यार्थी, शोधार्थी तथा शिक्षक शोध को नई ऊंचाईयां दे रहे हैं।  उच्च स्तरीय शोध व शोध व्यवस्थाओंे के चलते विश्वविद्यालय लगातार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहा है तथा विश्वविद्यालय का एच-इंडेक्स 127 तक पहुंच चुका है जो इस क्षेत्र में सर्वाधिक है।  उन्होंने शोधार्थियों व विद्यार्थियों से कहा कि वे विश्वविद्यालय के रिसर्च इको सिस्टम का लाभ उठाएं।
कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर ने कहा कि शोध व शिक्षण तभी उपयोगी है जब वह समाज व राष्ट्र के लिए उपयोगी हो।  कार्यशाला का विषय अत्यंत उपयोगी है।  यह शोधार्थियों तथा विद्यार्थियों के लिए शोध व रोजगार की संभावनाओं के नए द्वारा खोलेगा।  उन्होंने इसके लिए फिजिक्स विभाग को बधाई दी तथा कहा कि विभाग नियमित रूप से इस प्रकार के आयोजन करता रहता है।
विषय विशेषज्ञ केंट यूनिवर्सिटी, यूके के प्रो. निगेल मेसन ने कहा कि विज्ञान की सभी धाराएं एक दूसरे की पूरक हैं।  विज्ञान को बेहतर समझने के लिए जरूरी है कि विद्यार्थियों को विज्ञान के फंडामेंटल साफ हों।  शिक्षण संस्थानों की जिम्मेदारी बनती है कि विद्यार्थियों को सबसे पहले फंडामेंटल समझाएं ताकि जरूरत पड़ने पर विद्यार्थी किसी भी उद्योग में अपने लिए रोजगार तलाश सकें।  उन्होंने विश्वविद्यालय के शोध तथा शिक्षण ढांचे की प्रशंसा करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षण व्यवस्थाएं हैं।  इस विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने वाले विद्यार्थियों का भविष्य उज्ज्वल है।  साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें यह देखकर अति प्रसन्नता हुई कि इस क्षेत्र में लड़कियां लड़कों से भी अधिक शिक्षा ग्रहण कर रही हैं।  खासकर विज्ञान के क्षेत्र में लड़कियों की यह संख्या अत्यंत प्रेरणादायक है।
विषय विशेषज्ञ नई दिल्ली के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. सुगम कुमार ने एक्सिलेटर फिजिक्स पर अपना व्याख्यान दिया।
विभागाध्यक्ष प्रो. आशीष अग्रवाल ने स्वागत संबोधन किया। कार्यशाला में विभाग के शोधार्थियों, विद्यार्थियों व शिक्षकों ने भाग लिया।
कार्यशाला के संयोजक डा. डेविड जोसेफ ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।  मंच संचालन डा. साहिल ने किया।  इस अवसर पर प्रो. देवेन्द्र मोहन, प्रो. राजेन्द्र कुण्डू, प्रो. सुजाता सांघी, प्रो. नीतू अहलावत, डा. रमेश कुमार, डा. विवेक गुप्ता, डा. रवि भाटिया व डा. जोगेन्द्र सिंह उपस्थित रहे।

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