सिरसा। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ ने जिलाध्यक्ष रवि कुमार रंजन की अध्यक्षता में विद्यालय शिक्षकों की दीर्घ काल से लम्बित समस्याओं के निपटान के लिए शिक्षा अधिकारी वेद सिंह को शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के नाम ज्ञापन सौंपा। जिला महासचिव कृष्ण जैन ने बताया कि हरियाणा में विद्यालय शिक्षा एवं शिक्षकों से सम्बंधित विभिन्न समस्याएं काफी समय से लंबित हैं। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ हरियाणा समस्याओं को लेकर लंबे समय से संघर्ष कर रहा है। आगामी 22 फरवरी को जिला उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम भी ज्ञापन सौंपा जाएगा। अगर इसके बाद भी समस्याओं का कोई समाधान नहीं होता है तो महासंघ आगामी संघर्ष की रूपरेखा तैयार करेगा। इस मौके पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष अंकुर छाबड़ा, कोषाध्यक्ष रविंद्र सोनी, सुधीर कुमार, लखविंद्र सिंह सहित अन्य महासंघ सदस्य उपस्थित थे।
संतोष कुमार,
ये है प्रमुख मांगें:
नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए। प्रदेश में रिक्त शिक्षकों के पदों पर नियमित नियुक्ति की जाए। शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा प्रदान की जाए तथा सभी आश्रितों की आय 3500 रुपए मासिक से बढ़ाकर 15000 रुपए मासिक की जाए और चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए अभिभावकों की आर्थिक आत्मनिर्भता को आधार न बनाया जाए। शिक्षा में गुणवत्ता लाने हेतु शिक्षकों को समस्त गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त रखा जाए। शिक्षकों की समयबद्ध अनिवार्य पदोन्नति सुनिश्चित की जाए। पीजीटी का पदनाम बदलकर लेक्चरार किया जाए। प्रधानाचार्य का पद क्लास-2 से क्लास-1 किया जाए। नई शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुसार प्राथमिक शिक्षा मातृभाषा में अनिवार्य की जाए। नि:शुल्क व अनिवार्य शिक्षा विधेयक-2009 के अनुसार प्रदेश के सभी राजकीय मॉडल संस्कृति विद्यालयों को सभी छात्रों के लिए फीस मुक्त किया जाए। अतिथि अध्यापकों को समान काम समान वेतन दिया जाए। स्थानान्तरण नीति में पूर्ववर्त जोन को ही आधार बनाकर स्थानान्तरण किया जाए तथा वर्ष 2022 के स्थानान्तरण मॉडल के आधार पर विद्यालयो की वरीयता चुनने का अवसर दिया जाए। प्रदेश के सभी सीनियर सैकेंडरी विद्यालयों में उप प्रधानाचार्य का पद सृजित किया जाए। एचकेआरएन कंप्यूटर शिक्षक, कंप्यूटर लैब सहायक आदि कर्मचारियों को विभाग में शामिल करके उनकी सेवा सुरक्षा की जाए। प्रदेश सरकार द्वारा संचालित आवासीय विद्यालयों जैसे आरोही मॉडल स्कूल, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय आदि में कार्यरत अध्यापकों, छात्रावास अधीक्षक आदि सभी कर्मचारियों को नियमित का संरक्षण प्रदान किया जाए । सीसीएल व एसीपी का निपटान जिला स्तर पर किया जाए।