Home » beauty » शेष भाग : डेरा जगमालवाली की संगत गुमराह ना हो

शेष भाग : डेरा जगमालवाली की संगत गुमराह ना हो

Facebook
Twitter
WhatsApp
699 Views

JANTA REPOTER DESK: 2022 के बाद लगातार पूज्य बाबा जी को बार बार इलाज के लिए अस्पताल जाना पड़ता था। महात्मा बीरेन्द्र जी व डेरा प्रबंधन पूज्य बाबा जी के इलाज में व्यस्त थे जबकि चंद सिंह 14 (डेरा गोरीवाला) व गुरप्रीत सिंह डेरा जगमालवाली (गाँव-सलाना, पंजाब) तरह-तरह के आरोप लगाकर संगत को गुमराह कर रहे थे व माहौल खराब कर रहे थे। चंद सिंह ने सत्संग में संगत को संबोधित करते हुए कहा कि इन्होंने पूज्य बाबा जी का इलाज सही से नहीं करवाया व ना ही सही से देखभाल की, इनकी कुटाई करनी चाहिए। गुरप्रीत ने भी इसी तरह गालियां निकालते हुए कहा कि इनको मारो सालों को। संगत को गुमराह करने में पवन डबवाली, जो गोरीवाला डेरे की टीम का सदस्य है, का भी अहम रोल रहा। जब पूज्य बाबा जी 14 जुलाई 2024 को मैक्स अस्पताल, दिल्ली में भर्ती हुऐ तो साजिशकर्ताओं ने फिर से साजिश रचनी शुरू कर दी व संगत में तरह-तरह की अफवाहें फैलानी शुरू कर दी। 19 जुलाई 2024 को जैसे ही पूज्य बाबा जी की तबीयत ज्यादा खराब हुई तो पूज्य बाबा जी को आईसीयू में शिफ्ट करना पड़ा। 21 जुलाई 2024 को सजिशकर्ताओं ने एक हार्ट की रिर्पोट के माध्यम से संगत में अफवाह फैलाई कि बाबा जी चोला छोड़ गए जो बिल्कुल झूठ थी। साजिशकर्ताओं की वजह से डेरे का माहौल खराब हुआ। पूज्य बाबा जी की पूरे मान-सम्मान के साथ अंतिम क्रिया ना हो सकी, ना ही पूरे मान सम्मान के साथ पूज्य बाबा जी की श्रद्धांजलि व रस्म पगड़ी का कार्यक्रम हो सका। चंद सिंह गोरीवाला जो अपने आप को डेरा जगमालवाली व पूज्य बाबा जी का हितैषी होने का नाटक कर रहा था, वह ना तो बाबा जी की अंतिम क्रिया में शामिल हुआ, ना ही डेरे में पूज्य बाबा जी के परिवार के पास बैठने के लिए आया व ना ही श्रद्धांजलि व रस्म पगड़ी के कार्यक्रम में आया। गुरप्रीत जो गद्दी की ताक में था जब उसकी दाल ना गली तो पूज्य वकील साहिब जी की रस्म पगड़ी व श्रद्धांजलि से पहले ही डेरा छोड़कर भाग गया। पवन डबवाली पिछले 26 साल में कभी पूज्य वकील साहिब जी के दर्शन करने नहीं आया व जैसे ही पूज्य बाबा जी चोला छोड़ गए तो अपने षड़यंत्र को अंजाम तक पहुंचाने के लिए डेरे आप्पा
व डेरे में साजिश के तहत बदमाशों के सहारे खूब उत्पात मचाया। साजिशकर्ताओं ने पहले से ही महात्मा बीरेन्द्र जी को मारने का षडंयत्र रचा हुआ था जैसे ही महात्मा बीरेन्द्र जी पूज्य बाबा जी के पार्थिव शरीर को डेरे लेकर आए वैसे ही साजिशकर्ताओं ने कुछ बदमाशों की सहायता से महात्मा बीरेन्द्र जी पर जानलेवा हमला करवा दिया। पुलिस बड़ी ही मुश्किल से महात्मा बीरेन्द्र जी को बचा कर ले गई, इन बदमाशों ने पुलिस के साथ भी मारपीट की व पुलिसकर्मियों की वर्दी भी फाड़ दी। ये लोग डेरे पर जबरन कब्जा करना चाहते थे जो महात्मा बीरेन्द्र जी के जीते जी मुमकिन नहीं था, क्योंकि इनको पता था कि पूज्य बाबा जी ने महात्मा बीरेन्द्र जी के नाम पर वसीयत की हुई है। जैसे ही महात्मा बीरेन्द्र जी को पुलिस बचा कर ले गई इन लोगो ने संगत में तरह-तरह की झूठी अफवाहें फैलानी शुरू कर दी व डेरे के प्रबधंकों व साधुओं को डेरे से बाहर निकाल दिया।

साजिशकर्ताओं को पूज्य बाबा जी के चोला छोड़ने का कोई गम व दर्द नहीं था। उनकी मंशा सिर्फ डेरे पर कब्जा करने की थी। पर सच, सच होता है व झूठ, झूठ होता है। आखिर में जीत हमेशा सच की होती है और यहां भी जीत सच की ही हुई। पूज्य बाबा जी ने 2015 में अपने हाथ से लिखी हुई डायरी में साफ लिखा है कि

“कोई dispute खड़ा करेगा वह उसके ही खिलाफ होगा तथा बीरेन्द्र के हक में होगा।”

इसके अलावा पूज्य बाबा जी ने 2021 की डायरी में भी साफ लिखा है कि

“कोई झगड़ा करेगा वह बीरेन्द्र s/o मियां सिंह के हक में जाएगा”

इन लोगों ने स्टेज पर पूज्य बाबा जी की पार्थिव देह के पास खड़े होकर तालियां बजाई व हुल्लड़बाजी की और महात्मा बीरेन्द्र जी को अंतिम संस्कार में भी नहीं आने दिया। इन लोगों ने डेरे के माहौल को इतना खराब कर दिया कि जिस सम्मान से पूज्य बाबा जी की अतिंम क्रिया होनी थी वो ना हो सकी। महात्मा
बीरेन्द्र जी के लिए कितने बड़े दुख की बात थी कि जो पिछले 30 साल से पूज्य बाबा जी के साथ रहा, पूज्य बाबा जी की सेवा की, वह अतिंम क्रिया में भी शामिल ना हो सका। संगत बेचारी कहां जाती, किसके आगे रोती, किसको अपना दुख सुनाती। ए तो पूज्य बाबा जी चोला छोड़ गए, दूसरा इन साजिशकर्ताओं डेरे का माहौल खराब कर दिया। पर यह कोई नई बात नही, सब फकीरों के मौके पर ऐसा ही हुआ है।

डेरा जगमालवाली, राधा स्वामी सत्संग ब्यास से निकली

हुई संस्था है, पूज्य मस्ताना जी ने व पूज्य मैनेजर साहिब जी ने

सच्चे पातशाह सावन सिंह जी महाराज से नामदान की दीक्षा ली

हुई थी। हमारे पूज्य बाबा मैनेजर साहिब जी, ब्यास डेरे की संगत

से बहुत प्यार करते थे व पूज्य चरण सिंह जी महाराज के परिवार

के सदस्य जब भी डेरे में आते थे तो चरण स्पेश करके उनका

स्वागत करते थे। जब पूज्य चरण सिंह जी महाराज चोला छोड़…
: गुरिन्दर सिंह जी महाराज पर भी कई तरह की टिप्पणियां की। क्योकि संत दीनता व नम्रता के पुंज होते हैं, पूज्य बाबा गुरिन्दर सिंह जी महाराज ने महात्मा बीरेन्द्र जी को फरमाया कि “जो लोग बिछुड़े या गुमराह हुए हैं उन्हे भी प्यार से समझाकर साथ लान है, किसी से भी नफरत नहीं रखनी, सब अपने हैं व आगे फरमाय। कि पूज्य वकील साहिब जी ने जो आपकी सत्संग व नामदान की डयूटी लगाई है उसको शुरू करो।”

 साजिशकर्ताओं ने योजना के तहत भोली भाली संगत को अपनी दुकानदारी चलाने के लिए दिल्ली में जंतर-मंतर पर बुलाया और संगत को भड़काने के लिए महात्मा बीरेन्द्र जी पर तरह तरह के झूठे आरोप लगाए व पूज्य बाबा जी को इंसाफ दिलाने का नाटक रचा। इस प्रकरण में प्रीतम सिंह-अंबाला, राजेन्द्र सिंह राजू पुत्र तीर्थ सिंह, संजय गुर्जर निस्तोली गाजियाबाद, गोविंद सेठी- सिरसा, सुनील-दरियापुर दिल्ली, कृपाल मह…
गाँव है। डेरे के अंदर सारे कैमरों की रिकॉर्डिंग मौजूद है कि रात 09:30 के बाद ना तो महात्मा बीरेन्द्र जी डेरे से कहीं बाहर गए और ना ही डेरे में पुलिस आई। इन साजिशकर्ताओं के पास कोई सबूत नहीं है। आज का मीडिया व सोशल मीडिया इतना एडवांस है कि कोई भी बात छुपी नहीं रहती। क्या ऐसा संभव है कि डेरे के अंदर इतनी बड़ी कार्रवाई हो और उसका कोई वीडियो या फोटो सामने ना आए? ये लोग झूठ पर झूठ बोले जा रहे हैं लेकिन कोई सबूत नहीं दे रहे हैं।

साजिशकर्ताओं ने 1 अक्टूबर 2024 को दोबारा साजिश के तहत, ये झूठी खबर फैलाई के महात्मा बीरेन्द्र जी को दोपहर 03 बजे NIA टीम उठाकर ले गई। जबकि 01 अक्टूबर 2024 को 03 बजे के लगभग महात्मा बीरेन्द्र जी डेरा जगमालवाली से डेरा बाजीतपुर के लिए निकले थे और रात 08:30 बजे के आस पास बाजीतपुर डेरा पहुँच गए थे, इस बात की बाजीतपुर डेरे में उस समय जो संगत मौजूद थी वो गवाह है। इनकी किसी भी बात में कोई सच्चाई नहीं है। इनका काम महात्मा बीरेन्द्र जी व डेरे की बदनामी करना है। अतः संगत से विनती है कि सच को जानो व झूठी अफवाहों से बचो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

टॉप स्टोरी

पंचांग

Gold & Silver Price

Popular Metal Prices