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एडीआर भवन में सरपंच व नंबरदारों की साइबर क्राइम पर वर्कशॉप का आयोजन

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जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में मंगलवार को स्थानीय जिला न्यायालय स्थित एडीआर भवन में साइबर क्राइम पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रवेश सिंगला ने बताया कि वर्कशॉप में जिले के सरपंच व नंबरदारों को सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन अनीता, डिप्टी एलएडीसी कंवरजीत सिंह व असिस्टेंट एलएडीसी देवेंद्र कौर तथा साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से एएसआई बब्बू ने साइबर क्राइम के बारे में विस्तार से बताया।
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन से एएसआई बब्बू ने सरपंचों, नंबरदारों को बढ़ते हुए साइबर क्राइम से बचने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स बताए। उन्होंने बताया कि मोबाइल सिम व बैंक खाता खुलवाकर खाता को किट सहित किसी भी अंजान व्यक्ति के हाथ में न दें चाहे वह आपको कितने भी रुपये दे रहा है या चाहे वो कुछ भी बहाना लगा रहा हो। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की अनजान कॉल जो मोबाइल नंबर हमारे फोन में सेव है, उनसे हटकर कोई कॉल चाहे वो सिम्पल हो चाहे व्हाट्सएप पर हो, चाहे विदेशी नंबर हो या भारतीय नंबर से हो, रिसिव होती है अथवा पुलिस ऑफिसर की डीपी क्यों ना लगी। कॉल करने वाला चाहे कोई अपने को पुलिस ऑफिसर, आर्मी ऑफिसर, रिश्तेदार, दोस्त या फोन पर रुपये क्रेडिट या डेबिट का कोई टेक्सट मैसेज सेंड करें, भूलकर भी विश्वास नहीं करें। पहले उसे वेरीफाई करो फिर उसके बाद उस पर कार्यवाही करो।
उन्होंने कहा कि बैंक से संबंधित कोई भी कॉल चाहे वो आपकी पूरी डिटेल सहित कॉल कर रहा हो, उस पर विश्वास न करें। सोशल मीडिया पर पार्ट टाइम जॉब, जैसे की टास्क पूरा करना लाइक करना आदि के झांसे में न आए। साइबर क्राइम होने पर तुरंत प्रभाव से 1930 या डायल 112 पर जितना जल्दी हो सके कॉल करें। उन्होंने सभी सरपंचों व नंबरदारों से गांव जाकर मंदिर, मस्जिद व गुरुद्वारा के माध्यम से लाउडस्पीकर के द्वारा साइबर क्राइम के बारे में जागरूक की अपील भी की।
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अत्याचार पीड़ित एससी-एसटी के लोगों को जल्द दी जाए सहायता राशि : एसडीएम
अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत उपमंडल स्तरीय सतर्कता एवं निगरानी समिति की बैठक मंगलवार को उपमंडल अधिकारी (ना.) सुरेश रावेश की अध्यक्षता में हुई।
एसडीएम सुरेश रावेश ने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति के व्यक्ति के साथ किसी भी प्रकार का अत्याचार या दुर्व्यवहार होता है तो पीड़ित परिवार को तुरंत प्रभाव से आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने बैठक में आर्थिक सहायता के जो मामले रखे थे उन पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इन मामलों को तुरंत प्रभाव से निपटाएं। पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करें।
उन्होंने तहसील कल्याण अधिकारी से कहा कि अगर बजट की कोई आवश्यकता है तो तुरंत मुख्यालय से प्राप्त करें। उन्होंने पुलिस विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों की चालान प्रति तुरंत तहसील कल्याण अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध करवाएं, ताकि पीड़ित को शीघ्र सहायता राशि उपलब्ध करवाई जा सके।
उन्होंने कहा कि यह राशि विभिन्न प्रकार के अत्याचारों जैसे अपमानित, क्षति पहुंचाना, भूमि पर अनधिकृत कब्जा, हत्या, डकैती, दुष्कर्म व नरसंहार, ट्यूबवेल का नुकसान, चल-अचल संपत्ति का नुकसान, स्थायी-अस्थायी अपंगता आदि घटित होने पर प्रदान की जाती है।

इस अवसर पर तहसीलदार अजीत सिंह, उप पुलिस अधीक्षक संदीप सिंह, तहसील कल्याण अधिकारी अशोक कुमार, एसडीओ पंचायती राज विभाग, सदस्य राजेंद्र सिंह देशुजोधा, पूर्ण नागर, गुरमीत सिंह सिंहपुरा, अश्वनी कुमार व अन्य कमेटी सदस्य मौजूद थे।

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